रविवार, 20 दिसंबर 2009

बस गुनगुनाना चाहता हूँ में तुम्हारे संग

बनते मकान के नीचे ,अन्दर ,५-६ साल के दो बच्चे ठेला ढका रहे हैं। शोषण नहीं है यहाँ। खेल रहे हैं। धीरे-२ इधर से उधर। उधर से इधर। -----काफी देर बाद में यूँ ही फिर खिड़की पर गया ,ठेकेदार फटफटी पर आया हुआ था। फटफटी पर बैठे ही उसने बच्चों को डाटा। दोनों बच्चे सहम गए थे। अगले एक मिनिट में ही बच्चे फिर ठेला चलने का खेल शुरू कर चुके थे। ठेकेदार के सामने ही।

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