कोई तो समझता ही है किसी को । लंबे और चौडे इस फैलाव में किसी मूल्य का कोई मोल नहीं। किसी के किसी भी क्षण -मात्र ठीक समझ लेने से सारा संसार समझ में आ जाता है। दरअसल जादू होना,उसका पूरा होना ,इस क्रम का नाम जीवन है। यथार्थ हमें निराश करता है। ये हमें शुष्क बनाता है। अपना तिलिस्म बनायें और उसमें कोई निर्माण करें। थोड़ा- सा गायें, बात करें, सुनें , चलें,काम करते हुए।
बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंशेष सब तो कर सकती परन्तु गाना !
जवाब देंहटाएंपढकर अच्छा लगा।
घुघूती बासूती