Titli sa din तितली-सा दिन
गुरुवार, 22 जनवरी 2009
नदी ली कि पहाड़
नींद की नदी में तैरते हुए ,बिना तेरना जाने ,हम तिर गए ,ये बड़ी बात नहीं, दिन के पहाड़ पर चढ़ना ;चढ़ना जानते हुए भी बड़ा मुश्किल होता है.
1 टिप्पणी:
बेनामी
25 जनवरी 2009 को 5:38 am बजे
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