Titli sa din तितली-सा दिन
गुरुवार, 16 जुलाई 2009
रख दो ये भी आज तुम
चलने की ,हाथों को उठाने की ,सोचने की शक्ति नहीं आज । घिसटने दो मुझे आज ,तुम तक पहुँचने को ।
2 टिप्पणियां:
बेनामी
18 जुलाई 2009 को 11:28 am बजे
वाह
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उम्मतें
18 जुलाई 2009 को 9:41 pm बजे
बढ़िया है
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