बचपन के खेल बुलाते हैं। ------भौंरी घुमाते थे। यहाँ घुमाते। वहां दूर वो घुमती। पाले में रखी भौरी पर निशाना मान कर इसे घुमाते। छेद कर देते। उड़न-जाल से घुमा कर हथेली पर ले लेते। लोहे के पुल पर से भौरी बनवा कर लाते। लाल.पीले,हरे,नीले- -। काले पट्टे । घर पर कील काटते। थोडी ज्यादा लम्बी कील। गुद्दे मारने पर छिल्पट निकाल देते। मोहल्ले के लड़के --और वो दिन घूमते हुए गुम हो गए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें