अपनी -२ दुनिया है । उसमें रहते हुए पूरी पारी खेल जाते हैं । हम कभी उल्टे पाँव नहीं चले । हम कभी बेहोश नहीं हुए। हमारी रूचि के रंग नहीं बदले। शब्दों को कोई नए अर्थ नहीं दिए। हमने जस की तस धर दीनी चदरिया।
काश कि दिन .. सारे दिन .... सारे के सारे दिन, ....... लगातार .... हमेशा ... हमेशा ! तितलियों से हो जायें और सब ......हम सब की जिंदगियों में रंग भर दें !
आप के ब्लॉग पर आना शुरू किया है अच्छा लिख रहे हैं ,
जवाब देंहटाएंआप स्वभाव से अच्छे इन्सान लगते हैं !
प्रिय अनाम , आपको धन्यवाद .इस नाचीज़ को आपने इज्ज़त दी . मैं धडकता रहा ज़ोर - ज़ोर से , निकलते गए लोग लांघ कर.......लांघ कर .
जवाब देंहटाएंकाश कि दिन .. सारे दिन .... सारे के सारे दिन,
जवाब देंहटाएं....... लगातार .... हमेशा ... हमेशा !
तितलियों से हो जायें और सब ......हम सब की जिंदगियों में रंग भर दें !