शुक्रवार, 29 जून 2012

अपनी ख़ामोशी से भरी यात्रा है।पेड़ ,पत्थर ,पोंधे -----हवा,पानी ,रंग -----और धूपछांव . ये सब मनचाहा   वातावरण बना रहे हें .तुम  मेरे साथ न हो तो भी क्या है .            

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